शहीद ए आजम भगत सिंह की जयंती,राष्ट्रीय स्वराज पैंथर एवं राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त तत्वाधान में।   

    *सामाजिक न्याय महासम्मेलन का कार्यक्रम!*

 

ब्यूरो एन के मिश्र

बांदा – आज दिनांक को शहर के निजामी पैलेस जिला परिषद के पास शहर बाँदा में सामाजिक न्याय महासम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया और गाजे-बाजे-डीजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य पिछडा वर्ग आयोग के सदस्य रामकृष्ण सिंह पटेल एवं मुख्य वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कोषाध्यक्ष बी०एल० प्रेमी (लखनऊ) मौजूद रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्नालाल दिनकर ने किया। जयंती कार्यक्रम में महासम्मेलन को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि एवं आयोग के सदस्य रामकृष्ण सिंह पटेल ने कहा कि अंग्रेजों की गुलामी से देश को छुटकारा दिलाने के लिये शहीद भगत सिंह ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी जिससे सभी देशवासियों को प्रेरणा लेनी चाहिए कि किसी की भी गुलामी को बर्दाश्त करना,मुर्दा हो जाने जैसा होता है। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी अपनी आन-बान-शान से कभी कोई समझौता नहीं करते और अपनी मातृभूमि के लिये सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं।

अध्यक्षता करते हुये राष्ट्रीय स्वराज पैंथर के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्नालाल दिनकर ने कहा कि शहीद भगत सिंह का सपना था कि देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिले लेकिन देश में शोषण विहीन समाज की स्थापना हो जहाँ सभी को समान अवसर मिले और देश की पूँजी में सबको हिस्सेदारी मिले। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह के जीवन से जुल्म का विरोध करने की प्रेरणा मिलती है। सभी को एकजुट होकर भेदभाव और गैर बराबरी से मुक्त भारत के निर्माण के लिये आगे आना चाहिए ताकि आजादी के क्रांतिकारी नायक शहीद ए आजम भगत सिंह का सपना पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह जिस दमनकारी व्यवस्था को दूर करने के लिये अपना बलिदान दिया उस व्यवस्था को नष्ट होने से बचा रखने के लिये संविधान निर्माता भारत रत्न डा० बाबा साहब अम्बेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह ने बहुत कार्य किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनकर ने आगे कहा कि बाबा साहब और चौधरी साहब के बताये गये पदचिन्हों पर चलकर शहीद भगत सिंह के सपना को पूरा किया जा सकता है। लखनऊ से चलकर आये।

मुख्य वक्ता राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कोषाध्यक्ष बी०एल० प्रेमी ने कहा कि शहीद भगत सिंह बचपन से ही क्रांतिकारी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे जिनका मकसद गुलामी की जंजीरों में जकड़ी मातृभूमि को आजाद कराकर देश को खुशहाल बनाना था। देश तो आजाद हो गया,लेकिन कुछ लोगों के व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते देश खुशहाल नहीं हो पाया। परन्तु अब बदहाली की पुरानी तस्वीरें बदल रहीं हैं और खुशहाली की नई तस्वीरें दिखाई देने लगी हैं।

विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय महासचिव फौजी राजबहादुर सिंह कुशवाहा ने कहा कि शहीद भगत सिंह द्वारा किये गये साहसिक कार्य देश को आजादी दिलाने के लिये सबसे बडे टर्निंग प्वाइंट थे। यदि शहीद भगत सिंह ने अंग्रेजों के दांत खट्टे न किये होते तो देश जल्दी आजाद नहीं हो पाता। कार्यक्रम संयोजक प्रदेश अध्यक्ष कमलेश सिंह चौधरी ने सभी आगन्तुकों का आभार प्रकट करते हुये कहा कि नौजवानों को शहीद भगत सिंह से प्रेरणा

लेनी चाहिये। कार्यक्रम को गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष धर्मराज सेन, नई दिल्ली के प्रदेश उपाध्यक्ष फूलचन्द्र वर्मा, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष जमुना प्रसाद रैकवार, दमन एवं दीव के प्रदेश अध्यक्ष शिवम्भर सिंह, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रामशरण वर्मा, उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रभारी केशपाल वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश वर्मा, रालोद क्षेत्रीय अध्यक्ष मनोज बुधौलिया, लियाकत अली, बुन्देलखण्ड महामंत्री ओमकार सिंह पटेल, बुन्देलखण्ड उपाध्यक्ष राजाराम कोटार्य, मण्डल कोआर्डिनेटर मकबूल अहमद, मण्डल उपाध्यक्ष सन्त धर्मराज यादव ने भी सम्बोधित किया। महासम्मेलन के उपरान्त 4 बजे गाजे-बाजे-डीजे के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गई जो कि बाबूलाल चौराहा से ओवरब्रिज होते हुये रोडवेज के पास डॉ० अम्बेडकर पार्क में समाप्त हुई। इस मौके पर प्रमुख रुप से बुन्देलखण्ड महामंत्री ओमकार सिंह पटेल, मण्डल अध्यक्ष रामबाबू वर्मा, मण्डल को-आर्डिनेटर मकबूल अहमद, मण्डल उपाध्यक्ष सन्त धर्मराज यादव, मण्डल महामंत्री सुरेश बाबू, रालोद जिलाध्यक्ष शायरा बानो, प्रयागराज जिलाध्यक्ष हंसराज यादव, अशोक कुमार सिंह, फतेहपुर जिलाध्यक्ष रामप्रवेश गौतम,हमीरपुर जिला प्रभारी रमेश चन्द्र पेंटर, जिलाध्यक्ष कामता प्रसाद गौतम, बाँदा जिला प्रभारी कंधई प्रसाद वर्मा, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष महबूब अली, जिला उपाध्यक्ष नागेन्द्र पाल गौतम, रामगोपाल वर्मा, छेदुवां वर्मा, विमलेश सिंह वर्मा, प्रभूदयाल वर्मा, विजय कुशवाहा,सेक्टर अध्यक्ष विजयकरन वर्मा, रामनरेश गौतम, सुखीराम प्रजापति, शिवपूजन वर्मा, उदयभान प्रजापति, शिवबरन वर्मा, रामशरण वर्मा, अशोक कुशवाहा, सिकन्दर वर्मा, जागेश्वर वर्मा,शिवलाल कोटार्य, मोहित कुमार वर्मा, रामऔतार वर्मा, पारसनाथ भारतीय, अमर सिंह,सुधा वर्मा, राजाभइया वर्मा, सतरूपा वर्मा, माता प्रसाद सहित हजारों लोग मौजूद रहे।

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