जिला जज,डीएम,एसपी एवं सचिव प्राधिकरण,बांदा ने किया मण्डल कारागार का संयुक्त निरीक्षण।

जिला जज,डीएम,एसपी एवं सचिव प्राधिकरण,बांदा ने किया मण्डल कारागार का संयुक्त निरीक्षण।

ब्यूरो एन के मिश्र 

बांदा – आज दिनांक 25.09.2025 को जिला कारागार, बांदा का औचक एवं संयुक्त निरीक्षण किया गया। राष्ट्रीय/राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,द्वारा दिये गये निर्देशों पर जिला जज/अध्यक्ष,बांदा देवेन्द्र सिंह। द्वारा जिला कारागार-बांदा का संयुक्त निरीक्षण किया गया। इस संयुक्त निरीक्षण में जे० रीभा-जिलाधिकारी बांदा,पलाश बसंल पुलिस अधीक्षक बांदा,श्रीपाल सिंह अपर जिला जज/सचिव,-बांदा, प्रफुल्ल कुमार चौधरी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-बांदा, सुश्री मैविस टॉक, सहयक पुलिस अधीक्षक, विजेन्द्र सिंह-मुख्य चिकित्सा अधिकारी-बांदा तथा मनोज कुमार पाण्डेय-पी०डब्लू० डी०,बांदा आदि सम्मिलित रहें।

जनपद न्यायाधीश,जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा संयुक्त रुप से बैरक सं0-4ए, 4बी, 06, 9ए, बी, कारागार अस्पताल व पाकशाला निरीक्षण किया गया। सभी बैरकों में निरुद्ध बन्दियों से अधिवक्ता न होने की स्थिति में निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराये जाने की जानकारी प्रदान की गयी जिसमें 02 बन्दियों को निःशुल्क अधिवक्ता भी उपलब्ध कराये गये तथा 01 बन्दी की माननीय उच्च न्यायालय में जेल अपील हेतु निर्देशित किया गया। पाकशाला का निरीक्षण किया गया, जहां पर मीनू के अनुसार दोपहर के भोजन में अरहर की दाल,रोटी, चावल व सब्जी तैयार हो चुकी थी। जिला जज द्वारा वाटर ड्रैनेज सिस्टम का निरीक्षण किया गया। जिला जज द्वारा मच्छरों से बचाव हेतु बैरकों के दरवाजों व खुले स्थानो पर मच्छर जाली लगाये जाने के निर्देश जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम को दिये गये जिससे कि बैरकों में मच्छरों व गन्दगी से बचा जा सके। जिलाधिकारी द्वारा पीने की पानी की व्यवस्था जांची गयी जो कि सन्तोषजनक पायी गयी। जिला जज द्वारा कारागार अस्पताल का निरीक्षण किया गया जहां असाध्य गम्भीर बीमारी से पीड़ित बन्दियों से उनके इलाज व खान-पान के सम्बंध में जानकारी ली। जिला जज द्वारा अस्पताल में एडमिट बन्दियों से उनसे मुकदमों के सम्बंध में जानकारी ली गयी तथा बताया गया कि ऐसे बन्दी जिनकी जमानत माननीय सर्वोच्च न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित हैं तथा उनके पास अपने निजी अधिवक्ता नही हैं, ऐसे में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा को जमानत हेतु अपने प्रार्थना पत्र प्रेषित करें जिससे कि जमानत सम्बंधी अग्रिम कार्यवाही अमल में लायी जा सकें।

निरीक्षण के दौरान सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में योजित रिट याचिका (सिविल) सं0-1404/2023 सुकन्या सान्था बनाम भारत संघ व अन्य में पारित निर्णय दिनांकित 03.10.2024 के अनुपालन में जिला जज एवं बोर्ड ऑफ विज़टर्स के सदस्यगण द्वारा समस्त बन्दियों से किसी भी प्रकार का जातीय भेदभाव किये जाने अथवा अस्पृश्यता के मामलों के सम्बंध में जानकारी ली गयी एवं समस्त बन्दियों को जानकारी दी गयी कि आप स्वयं भी आपस में किसी प्रकार की जातीय भेदभाव व अस्पृश्यता की भावना एक-दूसरे के लिए न रखे। यदि आपके साथ किसी बन्दी अथवा कारागार स्टाफ द्वारा जातीय भेदभाव की भावना रखी जाती हैं अथवा यदि आपको ऐसा अनुभव होता हैं कि आपके साथ जातीय भेदभाव किया जा रहा हैं तो आप इसकी सूचना सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण-बांदा को उनके साप्ताहिक निरीक्षण में कारागार आने पर अथवा सचिव के नाम लिखित प्रार्थना भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा में दिया जा सकता हैं। कारागार में उपलब्ध अभिलेखों की जांच में बन्दियों की जाति का कॉलम नही पाया गया।

इसके अतिरिक्त महिला बैरकों का निरीक्षण किया गया। जहां पर जिला जज महोदय द्वारा आर्थिक रुप से कमजोर महिला बन्दियों के पास मुकदमों की पैरवी हेतु निजी अधिवक्ता न होने की दशा में निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किये जाने हेतु जानकारी ली गयी। महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि उन्हे मुकदमों की पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किये जा चुके हैं। जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा महिला बन्दियों के साथ रह रहें बच्चों को उपहार भेंट किये गये।

निरीक्षण के समय जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम, जेलर विकम सिंह, उपजेलर निर्भय सिंह, सुश्री रामरती, डा० संजीव वर्मा,राशिद अहमद डी०ई०ओ० जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,बांदा व चन्द्रभान आंशुलिपिक जनपद न्यायालय बांदा उपस्थित रहें।

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