राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,के तत्वावधान में,बाल विवाह अघि०,पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना का विधिक जागरुकता शिविर : श्रीपाल सिंह (एडीजे)

कम आयु में बालिकाओं का विवाह उनको मौत के कुएं में धकेलने जैसा : श्रीपाल सिंह एडीजे/सचिव 

महिलाओं के गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिगं की जांच कराना कानूनी अपराध : सुमन शुक्ला 

लैंगिक शोषण से बचाव हेतु वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,बांदा कार्यालय में दे लिखित संज्ञान : आकांक्षा सिंह 

ब्यूरो : एन.के.मिश्र 

बांदा आज दिनांक 22 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,के तत्वावधान में राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के सहयोग से जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष,बांदा देवेन्द्र सिंह के निर्देशन में आज “महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालम्बन हेतु पीसीपीएनडीटी अधिo,बाल विवाह अघि० तथा पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना – 2014” के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन कस्तूरबा गांधी बालिका इण्टर कॉलेज, ग्राम महुआ- जिला बांदा में किया गया। शिविर की अध्यक्षता श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज/सचिव,बांदा ने की।

श्रीपाल सिंह,अपर जिला जज/सचिव,बांदा द्वारा शिविर में उपस्थित आयें अभिभावकों व परिजन को लैंगिक समानता,लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम के सम्बंध में जानकारी प्रदान की। साथ ही सचिव ने बाल विवाह पर जोर देते हुए कहा कि कम आयु में बालिकाओं का विवाह उनको मौत के कुएं में धकेलने जैसा हैं। कम आयु में बालिकाओं का विवाह करने पर उनके शरीर का पूर्णता विकास न होने के कारण एवं समय से पहले गर्भधारण करने के कारण वे अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं जिससे उनकी मृत्यु तक हो जाती हैं। आजकल प्रायः यह देखा जा रहा हैं कि बालिकाओं के शरीर में रक्त की अत्याधिक कमी भी पायी जा रही हैं जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी उनके अन्दर इतनी नही होती हैं तत्पश्चात् उसके परिणाम बहुत घातक होते हैं। बालिकाओं का विवाह सरकार द्वारा निर्धारित आयु व सही समय पर करना चाहिए।

सुमन शुक्ला,पराविधिक स्वयं सेवक ने कहा कि महिलाओं के गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिगं की जांच कराना कानूनी तौर पर अपराध हैं तथा लिंग की जांच करते पाये जाने पर परिजनो व चिकित्सक को सजा दिये जाने का प्राविधान हैं। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं हेतु मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि चलायी जा रही हैं। श्रीमती शुक्ला द्वारा छात्राओं को गुड टच व बैड टच के सम्बंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी।

आकांक्षा सिंह-डिस्ट्रिक्ट मिशन कोर्डिनेटर द्वारा बताया गया कि बालिकाओं के साथ होने वाले र्दुव्यवहार, लैंगिक शोषण से बचाव हेतु वे कार्यालय जिला प्राधिकरण,बांदा में प्रार्थना पत्र दे सकती हैं अथवा जनपद न्यायालय में महिलाओं हेतु गठित समिति के समक्ष भी अपना प्रार्थना पत्र देकर शिकायत कर सकती हैं। साथ ही महिलाओं व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के विषय में बताया गया। उन्होने बैंक सखी,उज्जवला योजना, मातृत्व एवं शिशु हित लाभ, शादी अनुदान आदि योजनाओं से भी अवगत कराया।

कामिनी सिंह, जेण्डर विशेषज्ञ, जिला प्रोबेशन कार्यालय बांदा द्वारा बताया गया कि यदि किसी महिला के साथ कोई व्यभिचार, अश्लील ढगं से उनके कार्यस्थल अथवा घर पर किसी बाहरी अथवा घर के सदस्य द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है तो उसे तुरन्त संज्ञान में लेकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। महिला आयोग में ऐसी शिकायतें अत्याधिक मात्रा में होती है, इसलिए महिलाओं को चाहिए कि अपने साथ हो रहे व्यवहार के विषय में शिकायत दर्ज कर कार्यवाही करें जिससे भविष्य किसी बड़ी अनहोनी से बचा जा सके। कामिनी सिंह द्वारा जिला प्रोबेशन कार्यालय-बांदा से महिलाओं को प्राप्त होने वाली सहायताओं के सम्बंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी।

महिला हेल्प लाइन नं0-181, 1090, 1098 या मुख्यमन्त्री हेल्पलाइन नं0-1076 के जरिये सुरक्षा प्रदान करने के प्राविधानों का विस्तार से वर्णन किया। शिविर के अन्त में प्रभारी वार्डन श्रीमती अन्जु खरे, कस्तूरबा गांधी बालिका इण्टर कॉलेज-बांदा द्वारा उपस्थित आये सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर अध्यापिकाएं रजनी,अंजु वर्मा,दीपिका तिवारी,गीता देवी तथा राशिद अहमद -डी.ई.ओ.बांदा के साथ समस्त छात्राएं उपस्थित रही।

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