सिफ्सा की नोडल अधिकारी डॉ. सबीहा रहमानी,प्रशिक्षित पीयर एजुकेटर्स ने 10 प्रश्नों से किया सर्वेक्षण।
मासिक धर्म से जनित समस्याओं,रोगों के बारे में बचाव के उपाय बताए गए।
बांदा-आज दिनांक – 20/11/2023 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाँदा यूथ क्लब राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी (सिफ्सा) के संयुक्त तत्वाधान में प्राचार्य प्रोफेसर डाॅक्टर दीपाली गुप्ता की संरक्षकता में आज चयनित दलित बस्ती दरी मोहाल और ढीमर मोहाल में समुदाय की महिलाओं को जनसंख्या नियंत्रण, परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया गया एवं महावारी से जनित समस्याओं, रोगों के बारे में व इससे बचाव के उपाय बताए. सिफ्सा ने इस कार्यक्रम का आयोजन आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत किया.
सिफ्सा की नोडल अधिकारी डॉ. सबीहा रहमानी ने बताया कि सिफ्सा अंतर्गत प्रशिक्षित पीयर एजुकेटर्स ने आज ढीमर मोहल्ले में बस्ती के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया । उन्होंने बताया कि कुपोषण के कारण भारत में सबसे अधिक मौते होती हैं और इससे बचाव बहुत जरुरी है. जागरूकता के द्वारा ही इससे बचा जा सकता है. युवा में मादक द्रव्य के सेवन और नशे की अवस्था में जब किशोर/ किशोरी गलत संगत में फंस जाते हैं तब वह अनेक रोगों के शिकार हो जाते हैं ।कारण वह तम्बाकू एवं धुम्रपान का शिकार हो जाता है जो आगे चल कर परेशानी का कारण बन जाता है.
पीयर एजुकेटर स्वाती यादव ने बताया कि महिलाओ को जागरूक करने के साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य के प्रति उनकी जागरूकता का सर्वेक्षण किया गया. सर्वेक्षण में पाया गया कि लोगों को अपने स्वास्थ्य के बारे में बहुत ही कम जानकारी है. सर्वेक्षण के लिए कुल 10 प्रश्नों का निर्माण किया गया था जिसके आधार पर लोगों से जानकारी प्राप्त की गयी. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के साथ ही साथ यह प्रयास किया गया कि इसके बारे में फैली भ्रान्ति के बारे में लोगों को बताया जाए एवं इससे बचने के उपायों पर भी जानकारी दी जाए.
डा अंंकिता तिवारी ने कैंंसर रोग के बारे में कहा कि उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में 07 नवम्बर को कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोगों को कैंसर की भयावहता के बारे में जानकारी देने के साथ ही साथ इससे बचने के प्रयासों के बारे में जागरूक किया जाता है. कैंसर की रोकथाम और जागरूकता के लिए देशभर में 7 नवंबर को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस’ मनाया जाता है. गलत जीवनशैली, मोटापा और प्रदूषण के चलते आज देश में कैंसर रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. युवा भी इस बीमारी की गिरफ्त से दूर नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 20 से 35 की उम्र के युवाओं में कैंसर के केसेज तेजी से बढ़ते जा रहे है. वहीं डा अस्तुति वर्मा के मुताबिक युवाओं में कैंसर का प्रमुख कारण खराब जीवनशैली के साथ- साथ जेनेटिक भी है. इसके अलावा व्यायाम ना करना, जंक फूड का अधिक सेवन, ध्रूम्रपान, शराब का सेवन जैसी आदतें अपनी जीवन शैली में शामिल करने की वजह से भी युवाओं में कैंसर के मामले अधिक देखे जा रहे हैं. रिया और अंशिका पीयर एजूकेटर ने भी बस्ती के लोगों को जागरूक किया ।
इस अवसर पर कासिम सभासद, पूनम रैक्वार, स्वाति, रौनक, रीमा उमाशंकर, राजेन्द्र कौर सोढ़ी ने सर्वेक्षण किया।